चेन्नई: तमिलनाडु में 2026 में होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शुक्रवार सुबह चेन्नई पहुंचे। उनके दौरे का मुख्य उद्देश्य भाजपा और एआईएडीएमके के टूटे हुए गठबंधन को फिर से मजबूत करना है।
चेन्नई एयरपोर्ट पर अमित शाह का स्वागत भाजपा के तमिलनाडु अध्यक्ष के. अन्नामलाई, केंद्रीय राज्य मंत्री एल. मुरुगन और वरिष्ठ नेता तमिलिसाई सुंदरराजन, नैनार नागेंद्रन व पोन राधाकृष्णन ने किया।
सूत्रों के अनुसार, अमित शाह इस दौरे में एआईएडीएमके महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री एडप्पादी के. पलानीस्वामी (ईपीएस) सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेंगे। इन बैठकों को गठबंधन को औपचारिक रूप देने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।
शाह शुक्रवार दोपहर गिंडी के एक निजी होटल में मीडिया को भी संबोधित कर सकते हैं। इसके अलावा वे भाजपा और आरएसएस के पदाधिकारियों के साथ कई उच्चस्तरीय बैठकें करेंगे। शाह की आरएसएस विचारक और ‘तुगलक’ पत्रिका के संपादक एस. गुरुमूर्ति से भी मुलाकात होने की संभावना है।
इस दौरे को अहम इसलिए भी माना जा रहा है क्योंकि यह हाल ही में दिल्ली में ईपीएस और शाह की हुई बैठक के बाद हो रहा है, जिसमें एआईएडीएमके के वरिष्ठ नेता एस.पी. वेलुमणि और के.पी. मुनुसामी भी शामिल थे। उस मुलाकात ने ही दोनों दलों के फिर से साथ आने की अटकलों को हवा दी थी।
गौरतलब है कि भाजपा-एआईएडीएमके गठबंधन सितंबर 2023 में टूट गया था, जब के. अन्नामलाई द्वारा द्रविड़ नेताओं सी.एन. अन्नादुरई और जयललिता पर की गई टिप्पणियों से विवाद गहराया था। यह गठबंधन पहले 2021 के विधानसभा चुनावों में भाजपा को 4 और एआईएडीएमके को 66 सीटें दिला चुका था।
2024 के लोकसभा चुनावों में अलग-अलग लड़ने के बाद दोनों दलों को करारी हार का सामना करना पड़ा, जिससे एक बार फिर साथ आने की जरूरत महसूस की गई। आरएसएस सूत्रों के अनुसार, 2026 से पहले समन्वित तैयारी और रणनीति तय करने के लिए गठबंधन को शीघ्र औपचारिक रूप देने की आवश्यकता बताई गई है।
यह दौरा तमिलनाडु की राजनीति में एक नए समीकरण की शुरुआत कर सकता है।